🔥 शिक्षक हितों को लेकर उबाल, 19 जुलाई को निकलेगा मशाल जुलूस!

 बिहार के शिक्षकों में इन दिनों नाराजगी साफ नजर आ रही है। सरकार की नीतियों से दुखी शिक्षक अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। इसी को लेकर अररिया जिले में एक अहम बैठक हुई, जिसमें 19 जुलाई 2025 को मशाल जुलूस निकालने का फैसला लिया गया।



क्यों नाराज़ हैं शिक्षक?

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (जिला इकाई अररिया) के अध्यक्ष जाफर रहमानी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार लगातार शिक्षा और शिक्षकों के खिलाफ फैसले ले रही है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक पूरी मेहनत से बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन उन्हें उनके हक और सम्मान से वंचित रखा जा रहा है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' केवल कागज पर?

शिक्षक नेताओं का कहना है कि सरकार ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन’ की बातें तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बहुत खराब हैं।
ना तो स्कूलों में सही सुविधाएं हैं और ना ही शिक्षकों को समय पर वेतन और संसाधन मिलते हैं।
शिक्षकों की मेहनत का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन बदले में उनकी बातों को अनसुना कर दिया जाता है

सरकार पर गंभीर आरोप

संघ का आरोप है कि शिक्षकों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
शिक्षकों ने कई बार सरकार से बात करने की कोशिश की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला, समाधान नहीं।
सरकार की नीति को उन्होंने शिक्षक विरोधी और तानाशाही करार दिया।

19 जुलाई को निकलेगा मशाल जुलूस

शिक्षकों ने अब आंदोलन का रास्ता चुना है।
19 जुलाई को शाम 5:30 बजे से अररिया में पैतृक खाना से चांदनी चौक तक एक मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
इस जुलूस में जिले के सैकड़ों शिक्षक शामिल होंगे और अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाएंगे।

शिक्षकों की अपील

शिक्षक नेताओं ने जिले के सभी साथियों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में इस जुलूस में शामिल हों।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन हमारे हक और भविष्य की लड़ाई है, और अगर अब नहीं उठे तो आने वाली पीढ़ियों को भी नुकसान होगा।

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