🚨 सिर्फ 6 दिन बचे! बिहार में 32 लाख से ज़्यादा वोटरों की पड़ताल बाकी

 बिहार चुनाव आयोग ने राज्य में विशेष गहन मतदाता सूची (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में वोटरों की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। अभी सिर्फ छह दिन बाक़ी हैं, लेकिन करीब 32.23 लाख वोटरों का सत्यापन बाकी है, जो कुल वोटरों का लगभग 4% हिस्सा है। 



अब तक की स्थिति

  • अब तक 7 करोड़ 57 लाख मतदाताओं (कुल 7 करोड़ 89 लाख 68 हजार 844 में से) ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं—जो कि लगभग 95.92% है

  • इनमें से 10% वोटर या तो अपने पते पर नहीं पाए गए, या संभवत: मृत, दूसरे राज्य चले गए, कहीं और नामांकन कराए गए, या कोई जानकारी ही नहीं मिली

 बचे हुए वोटरों को जोड़ने की कवायद

  • बल्लेदार (BLO) यानी बूथ स्तर के अधिकारी छूटे हुए वोटरों से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं—कुछ केस में एक से अधिक बार।

  • इसके अलावा, चुनाव आयोग ने शहरी 261 स्थानीय निकायों के 5,683 वार्ड में विशेश शिविर लगाने की तैयारी की है, खासकर उन वोटरों के लिए जो अपने राज्य से दूर किसी और जगह काम या पढ़ाई कर रहे हैं

आगे की टाइमलाइन

  • 1 अगस्त: प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित होगी।

  • 1–30 अगस्त: इस सूची पर किसी के नाम शामिल या हटाने, गलतियों की शिकायत व सुधार की प्रक्रिया चलेगी। कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल आवेदन–आपत्ति दर्ज करा सकता है

पटना जिले की स्थिति

  • पटना में पहले ही 44 लाख से ज़्यादा वोटरों का सत्यापन हो चुका है।

  • अभी सिर्फ 6 लाख वोटरों का फॉर्म जमा होना बाँकी है।

  • शनिवार को चार हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर और एक लाख से ज़्यादा वोटर बने—एक दिन में ही यह रिकॉर्ड तैयार किया गया

कौन हैं सबसे चुस्त?

कुछ जिलों की डिजिटल अपलोड दर काबिले तारीफ है:

  • लखीसराय (91.03%), जहानाबाद (91.13%), अरवल (91.33%), कैमूर (91.46%), शेखपुरा (91.89%) और खगड़िया (92.60%) — सभी 91% से ऊपर। 

  • सबसे कम डिजिटल दर गोपालगंज में है — सिर्फ 82.12%

क्या कहना है चुनाव आयोग का?

चुनाव आयोग का कहना है कि छूटे हुए वोटरों को जोड़ने के लिए “हर संभव कोशिश” की जा रही है—चाहे वह व्यक्तिगत संपर्क हो, शिविर हों, या डिजिटल माध्यमों से जागरूकता अभियान।


कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.