बिहार में वोटर लिस्ट अपडेट को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा बयान, जानें SIR प्रक्रिया का सच
पटना। बिहार में इन दिनों वोटर लिस्ट अपडेट को लेकर खूब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक, यह सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव आयोग कुछ खास वर्ग के वोटरों को निशाना बना रहा है? लेकिन अब चुनाव आयोग ने इस पर अपनी स्थिति साफ कर दी है।
क्या है SIR और क्यों मचा है बवाल?
चुनाव आयोग ने बिहार में Special Intensive Revision (SIR) नाम से वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में मतदाताओं से पहचान और निवास से जुड़े दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि इससे गरीब, प्रवासी और खासकर मुस्लिम वर्ग प्रभावित होंगे।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि:
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यह एक नियमित प्रक्रिया है जो हर राज्य में होती है।
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किसी भी मतदाता को हटाने का इरादा नहीं है।
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जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं, वे क्षेत्रीय जांच (Field Inquiry) के माध्यम से भी नाम दर्ज करवा सकते हैं।
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आधार कार्ड केवल पहचान के लिए मान्य है, नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं।
कौन-कौन से दस्तावेज़ चलेंगे?
आयोग ने 11 दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिनमें से कुछ हैं:
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राशन कार्ड
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ड्राइविंग लाइसेंस
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पासपोर्ट
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MGNREGA जॉब कार्ड
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पेंशन दस्तावेज आदि
हालांकि आयोग ने यह भी कहा है कि ये अनिवार्य नहीं हैं, केवल सुझाव हैं। अंतिम फैसला चुनाव अधिकारी (ERO) लेगा।
कब तक जमा करें दस्तावेज़?
इस प्रक्रिया में दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तारीख 25 जुलाई 2025 तय की गई है। इसके बाद दावा-आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी जिसमें आप अपना नाम जुड़वाने या गलती सुधारने का मौका पा सकते हैं।
राजनीतिक बयानबाज़ी और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
विपक्ष के कई नेता, जैसे तेजस्वी यादव, ओवैसी और महुआ मोइत्रा ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 10 जुलाई 2025 तय की है।
क्या करना चाहिए मतदाताओं को?
अगर आप बिहार में वोटर हैं, तो यह आपके लिए जरूरी है कि:
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दिए गए दस्तावेज़ में से कोई एक उपलब्ध कराएं
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अगर दस्तावेज़ नहीं है, तो स्थानीय BLO या ERO से संपर्क करें
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समय रहते 25 जुलाई से पहले आवेदन दें
आप https://ceoelection.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर भी जानकारी ले सकते हैं।
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