IAS से नेता बनने का रास्ता! इस्तीफे की वजह सुनकर उड़ जाएंगे होश

 बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने 17 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के तहत अपना इस्तीफा भेजा है। इससे प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, क्योंकि माना जा रहा है कि वे जल्द ही राजनीत‍ि में कदम रख सकते हैं। इस्तीफे की वजह और समय



  • डॉ. सिद्धार्थ 1991 बैच के तेजतर्रार आईएएस अधिकारी हैं, जो 30 नवंबर 2025 को रिटायर होने वाले थे

  • लेकिन उन्होंने समय से पहले ही 17 जुलाई 2025 को VRS एप्लिकेशन भेजकर इस्तीफा दे दिया

  • अभी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी स्वीकृति मानी जायेगी।

प्रशासनिक कार्यशैली

  • डॉ. सिद्धार्थ ने सरकारी स्कूलों में छात्र और शिक्षक की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। वे वीडियो कॉल के माध्यम से प्रत्येक स्कूल की हाजिरी तक निगरानी करते थे

  • शहरी सुधार के दौरान, पटना मेट्रो समेत कई अहम परियोजनाओं जैसे निर्माण की डीपीआर (DPR) तैयार करने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा

  • उनकी कार्यशैली नियम-उल्लंघन के खिलाफ सख्त रही और उन्होंने कई गैर-प्रभावी फैसलों को रद्द भी करवाया

चुनावी संभावनाएं

  • राजीनामे के साथ ही राजनीतिक पारी शुरू होने की अटकलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि वो JD(U) के टिकट पर नवादा जिले से चुनाव लड़ सकते हैं

  • इस वक्त ये सभी बातें मीडिया रिपोर्ट्स और अटकलों पर आधारित हैं, किसी भी आधिकारिक घोषणा का अभी इंतजार है।

सारांश

फ़ैक्टरविवरण
पद और बैचबिहार शिक्षा विभाग के ACS, 1991 बैच
इस्तीफा दिनांक17 जुलाई 2025
VRS कारणस्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
प्रशासनिक प्रभावस्कूल हाजिरी पर सख्ती, शहरी प्रोजेक्ट्स जैसे पटना मेट्रो में भूमिका
राजनीति में प्रवेशJD(U) से नवादा सीट की उम्मीद

आगे का रास्ता

  • अगर सीएम कार्यालय इस्तीफे को मंजूरी देता है, तो डॉ. सिद्धार्थ का राजनीतिक जुड़ाव औपचारिक रूप ले सकता है।

  • JD(U) या किसी और पार्टी से चुनाव लड़ने की योजना पर निर्भर करता है कि क्या उन्हें टिकट मिलेगा।

  • उनका प्रशासनिक अनुभव और सर्विस के दौरान की गई सुधारें आगामी विधानसभा चुनावों में उनके लिए ताकत बन सकती हैं।

डॉ. एस. सिद्धार्थ का इस्तीफा सिर्फ एक प्रशासनिक घटना नहीं, बल्कि राजनीतिक सरगर्मी का संकेत माना जा रहा है। मजबूत प्रशासनिक रिकॉर्ड और विकास कार्यों के चलते, उनकी जन-प्रतीछवि गठबंधन चुनाव में महत्वपूर्ण रोल निभा सकती है। अब देखना होगा कि नीतीश सरकार इस इस्तीफे पर क्या रुख अपनाती है—क्या प्रशासन ही बदल जायेगा, या राजनीति में एक नया चेहरा उभरेगा।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.